मध्यप्रदेश / बढ़ेंगे मयखाने, भरेगा खजाना : प्रदेश में शराब की 320 उप दुकानें खुलेंगी, इनमें 11 भोपाल में

राज्य सरकार शराब से आय बढ़ाने के लिए शराब की 320 नई उप दुकानें खोलने जा रही है, जिसमें 11 भोपाल में खोले जाना प्रस्तावित है। इसमें खास यह होगा कि उप दुकान खोलने के लिए ठेकेदार को 2 फीसदी टैक्स ज्यादा देना होगा। यानी अभी यह 5 फीसदी जिसे बढ़ाकर 7 फीसदी किया जा रहा है। यह प्रावधान प्रदेश की नई आबकारी नीति वर्ष 2020-21 किए गए हैं। इस बारे में बुधवार को होने जा रही कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव लाया जा रहा है। इसके अलावा नए उद्योग के लिए सात वर्किंग डे में 40 मंजूरी का टाइम-बाउंड एक्ट और फिल्म पर्यटन नीति के क्रियान्वयन को भी कैबिनेट में मंजूरी मिलेगी।


एसईजेड की तरह नया प्रयोग- उद्योग विभाग का तर्क है कि बिजली की फिक्स व सस्ती दर से निवेशकों को प्रोत्साहन मिलेगा
सरकार एसईजेड की तरह एक नया प्रयोग करने जा रही है। होशंगाबाद के बाबई-मोहासा की 2000 एकड़ इंडस्ट्रियल जमीन में लगने वाले उद्योगों को बिजली कंपनी के बजाए उद्योग विभाग सीधे बिजली की सप्लाई करेगा। एक फ्रेंचाइज की तरह उद्योग विभाग बाकायदा पाॅवर जनरेटिंग कंपनी, डिस्कॉम से टेंडर के जरिए सस्ती दर पर बिजली लेगा और उद्योगों को सप्लाई करेगा। बिजली बिल तमाम कंपनियां उद्योग विभाग को जमा कराएंगी। बाबई-मोहासा की जमीन पर केंद्र सरकार की स्कीम के तहत बल्क फार्मा पार्क भी तैयार होगा। बिजली देने की फिक्स व्यवस्था अभी तक एसईजेड में होती है, बाबई-मोहासा में एसईजेड नहीं होते हुए भी निवेशकों को यह सुविधा मिल जाएगी।



सात वर्किंग डे में 40 मंजूरी का टाइम-बाउंड एक्ट भी आज होगा मंजूर
मेग्निफिशेंट एमपी, दावोस में वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम और हाल ही में दिल्ली में निवेशकों से राउंड टेबल चर्चा के बाद राज्य सरकार ने मप्र टाइम बाउंड एक्ट-2020 एक्ट को मंजूरी दे दी है। अब इंडस्ट्री लगाने के लिए लगने वाली 40 तरह की मंजूरी को राज्य सरकार सात वर्किंड-डे में देगी। इसके लिए निवेशकों को आॅन-लाइन आवेदन करना होगा।


40 में से आधी से ज्यादा तो 24 घंटे में मिलेंगी, बाकी सात दिन में। यदि संबंधित विभाग विलंब करते हैं तो स्वीकृति डीम्ड हो जाएगी। इस एक्ट को मंजूरी के लिए भी कैबिनेट की मंजूरी के लिए लाया जाएगा। एक्ट में निवेशकों के लिए यह शर्त जरूर जोड़ी गई है कि यदि आॅन लाइन सबमिट किए गए दस्तावेज अथवा बाद में पूरी होने वाले प्रावधानों में कमी रहती है तो उन पर नियमों के अनुसार ही दंड भी लगेगा। इसमें जुर्माने के साथ सजा भी है।